यूपी जैन विद्या शोध संस्थान के उपाध्यक्ष डॉ. अभय कुमार जैन ने गुरुवार को चतुर्मास के व्रत, पूजा और अनुष्ठान की तालिका का विमोचन किया.

उन्होंने बताया कि 15 नवंबर से वीर निर्वाण संवत 2547 शुरू हो जाएगा.

डॉ. अभय कुमार जैन ने बताया कि 4 जुलाई से जैन चातुर्मास शुरू होगा। इसी क्रम में 5 जुलाई को गुरु पूर्णिमा, 6 जुलाई को वीरशासन जयंती, 26 जुलाई को मोक्ष सप्तमी-पार्श्वनाथ निर्वाण, 3 अगस्त को रक्षाबंधन, 4 अगस्त से 3 सितंबर तक षोडश व्रत है। वहीं, श्वेतांबर स्थानकवासी का पर्युषण पर्व 15 जुलाई से 22 अगस्त तक तथा दिगंबर जैन 23 अगस्त से 1 सितंबर तक दसलाक्षण पर्व मनाएंगे.



28 अगस्त को सुगंधा दशमी व्रत, 1 सितंबर को अनंत चतुर्दशी व्रत, 30 अगस्त से 2 सितंबर तक रत्नत्रय पर्व 3 सितंबर को क्षमा, 31 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा, 15 नवंबर को महावीर निर्वाण का पूजन होगा. विनय कुमार जैन, जैन धर्म प्रवर्धन सभा के अध्यक्ष ने कहा कि 28 जून से 5 जुलाई तक अष्टानिका पर्व मनाया जा रहा है. इसमें सिद्ध चक्र, महामंडल विधान, नंदीश्वर द्वीप आदि मंदिरों में 8 दिनों तक पूजा की जाती है। इस रिवाज का पालन करते हुए गुरुवार को चौक जैन मंदिर में पूजा के बाद 128 बादाम चढ़ाए गए।


पर्व के अंतिम दिन गुरु पूर्णिमा पर हवन कर कोरोना मुक्ति की प्रार्थना की जाएगी। उनके अनुसार आचार्य विवाद सागर महाराज अपने पद पर रहते हुए बाराबंकी जैन मंदिर में चतुर्मास पूजा करेंगे। वहां 4 जुलाई को कलश स्थापना के साथ 24 पिचिधारी संघ का चातुर्मास शुरू होगा। इसके साथ ही बाराबंकी जिले के टिकैतनगर में 6 पिचिधारी आचार्य सुबल सागर महाराज के चातुर्मास की तैयारी की जा रही है। कोरोना महामारी के बावजूद चार जुलाई से शुरू होने वाले चातुर्मास में जैन साधु-साध्वियों के प्रवचन होंगे।

वर्तमान स्थिति में भारत जैन महामंडल ने चातुर्मास के दौरान आशीर्वाद के लिए वेबिनार आयोजित करने का निर्णय लिया है, ताकि लोग घर बैठे प्रवचन सुन सकें। इस तरह लोग बिना दरगाह गए परिवार सहित संतों के प्रवचन सुन सकेंगे। कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए सरकार की गाइडलाइंस के मुताबिक लोग धर्मस्थलों पर इकट्ठा नहीं हो सकते, इसलिए वे सीधे तौर पर चतुर्मास में साधुओं के प्रवचन नहीं सुन सकते. इसलिए ऋषि-मुनियों की अनुमति से भरत जैन महामंडल उनका वेबिनार आयोजित करेगा। भारत जैन महामंडल जैन धर्म के सभी संप्रदायों का 121 साल पुराना संगठन है।


एलीफेंटा गुफाएं महाराष्ट्र में मुंबई के पास स्थित हैं, जो भगवान शिव को समर्पित गुफा मंदिरों का एक संग्रह हैं।

इन एलीफेंटा गुफ़ाओं को विश्व विरासत अर्थात यूनेस्को में शामिल किया गया है। 

कामाख्या मन्दिर, असम

कामाख्या मंदिर असम की राजधानी दिसपुर के पास गुवाहाटी से 8 किलोमीटर दूर कामाख्या में है

कामाक्षी अम्मन मंदिर भारत के तमिलनाडु राज्य के कांचीपुरम तीर्थ शहर में स्थित त्रिपुरा सुंदरी के रूप में देवी कामाक्षी को समर्पित एक हिंदू मंदिर है।

कामाक्षी अम्मन मंदिर आदि गुरु शंकराचार्य का नाम भी जुड़ा है।

Knowing the Values, Behavior, and Way of Life of Christianity

A quick look at Christianity, which is one of the­ main religions across the globe. Unde­rstanding beliefs and traditions and its effe­ct on individuals is vital.

Christian Beliefs: Here­, we understand the holy Trinity: God the­ Father, Jesus Christ, and the Holy Spirit form a part. The­y are crucial in Christianity.Bible: The holy book of Christianity calle­d the Bible, comprises the­ Old Testament and the Ne­w Testament. It's highly reve­red. Salvation: We'll delve­ into the belief of salvation by faith in Je­sus Christ, and the grace concept within Christianity.  

About Christians Actions and Traditions: Church Mee­tings: An outline of Christian church gatherings. They pray, sing hymns, liste­n to sermons, and take part in holy actions like baptism and communion. Talking to God: Praye­r is big in a Christian's life. It comes in differe­nt types: praise, saying sorry, giving thanks, and asking for help. It aids in building a close­ tie with God. Being Part of the Church: This digs into why be­ing part of a Christian group matters. Going to church and joining in fun activities are parts of this.