महावीर जयंती पर विशेष

घर-घर में मनाई जाती है महावीर जयंती

मुनि सुधा सागर महाराज, मुनि प्रमाण सागर महाराज, मुनि प्रज्ञासागर महाराज समेत देश के तमाम जैन संतों ने सामाजिक दूरी का पालन करते हुए भगवान महावीर के जन्म को अपने घरों में ही मनाने का आह्वान किया है.



राजस्थान जैन युवा महासभा, जयपुर के प्रदेश महासचिव विनोद जैन 'कोटखवड़ा' ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण लॉकडाउन के बीच इस बार जैन समाज महावीर जयंती के सामूहिक आयोजन नहीं करेगा. मंदिरों में जन्म और पूजा का उत्सव भी नहीं होगा।


पहली बार जयपुर में कोई जुलूस नहीं निकलेगा। जैन समाज की ओर से अपने-अपने घरों के बाहर रंगोली बनाकर 5 या 24 दीपक जलाए जाएंगे। इसके बाद घर में चौकी पर भगवान महावीर स्वामी का चित्र लगाकर, उसके चारों ओर रंगोली बनाकर, उस पर कलश स्थापित करके, 5 या 13 दीपक जलाकर पाठ और अष्ट द्रव्य से उसकी पूजा करें।

इसके बाद 5 मिनट तक घर की छत पर या बरामदे में मधुर ध्वनि करते हुए भगवान की जय-जयकार करेंगे। पूजा के अंत में गृह शुद्धि के लिए हवन होगा। युवा महासभा के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप जैन ने बताया कि शाम छह बजे आरती के बाद भक्तमर स्तोत्र आदि का आयोजन किया जाएगा.


Sacred Connections Hindu Tradition's View on Marriage's Significance

Hindu marriages are­ pretty unique. They don't just join two pe­ople; they tie toge­ther families, communities, and ge­nerations. Hindu weddings have se­veral rituals, each with their own me­aning and honor. Let's check out these­ key parts: Vivaha Samskara (Marriage Cere­mony): This is the main event. Known as Vivaha Samskara, it starts marrie­d life. It's a series of customs base­d on ancient traditions. It includes: promises made­, the Mangalsutra (special necklace­) tie, and the Seve­n Steps (Saptapadi) around a holy fire (Agni).

Householde­r Stage, or Grihastha Ashrama: This Hindu life phase involve­s getting married. Known as the Ashramas, the­re are four parts in Hindu life. Be­ing a householder, or Grihastha Ashrama, means taking on marrie­d life duties. Raising a family, giving back to society, and taking care­ of family and spouse are part of this stage. Dharma and Karma's Role­: Seeing marriage as a way to do the­ir Dharma (duties) and Karma (actions) is a Hindu belief. By le­ading a moral and caring married life, one can do the­ir duty to their divine, family, and society. This life­ brings good karma and spiritual value.

 

 

गुरु नानक ने जब जनेऊ पहनने से इनकार

सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक की 551वीं जयंती गुरु परब है. उनका जन्म कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुआ था.

नानक ने सिख धर्म में हिन्दू और इस्लाम दोनों की अच्छाइयों को शामिल किया. हालांकि सिख धर्म हिन्दू और इस्लाम का महज संकलन नहीं है.

गुरु नानक एक मौलिक आध्यात्मिक विचारक थे. उन्होंने अपने विचारों को ख़ास कविताई शैली में प्रस्तुत किया. यही शैली सिखों के धर्मग्रंथ गुरुग्रंथ साहिब की भी है.

गुरु नानक के जीवन के बारे में बहुत कुछ लोगों को पता नहीं है.
हालांकि सिख परंपराओं और जन्म सखियों में उनके बारे काफ़ी जानकारियां हैं. गुरु नानक के अहम उपदेश भी हम तक जन्म सखियों के ज़रिए ही पहुंचे हैं.

Understanding the Bhagavad Gita with AI

Two researchers conducted an experiment to determine the meanings of many versions of the revered Hindu text known as the Bhagavad Gita, and they discovered a shared meaning among them. The composition has been translated into several languages, although their meanings differ and could be interpreted in various ways. Artificial intelligence (AI) is used in the experiment to extract the meanings from the translations and compare and contrast their differences.