पालीताना जैन मंदिर भारत के गुजरात राज्य के भावनगर ज़िले में स्थित है।

यह पलिताना मंदिर जैन धर्म का विशाल तीर्थस्थान भी है और इसे दुनिया का एकमात्र शाकाहारी शहर मन जाता है।

पालीताना भारत के गुजरात राज्य के भावनगर ज़िले में स्थित नगर हैं, जो जैन धर्म का विशाल तीर्थस्थान भी है। यह भावनगर शहर से ५० कि.मी दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्थित है। कानूनी रूप से, यह दुनिया का एकमात्र शाकाहारी शहर हैं। पालीताना शत्रुंजय नदी के तट पर शत्रुंजय पर्वत की तलहटी में स्थित जैन धर्म का प्रमुख तीर्थ है। जैन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध पलीताना में पर्वत शिखर पर भव्य 863 जैन मंदिर हैं।



पालीताना दुनिया का कानूनी रूप से एकमात्र शाकाहारी शहर है। सफ़ेद संगमरमर में बने इन मंदिरों की नक़्क़ाशी व मूर्तिकला विश्वभर में प्रसिद्ध है। 11वीं शताब्दी में बने इन मंदिरों में संगमरमर के शिखर सूर्य की रोशनी में चमकते हुये एक अद्भुत छठा प्रकट करते हैं तथा मणिक मोती से लगते हैं। पालीताना शत्रुंजय तीर्थ का जैन धर्म में बहुत महत्त्व है।


पाँच प्रमुख तीर्थों में से एक शत्रुंजय तीर्थ की यात्रा करना प्रत्येक जैन अपना कर्त्तव्य मानता है। मंदिर के ऊपर शिखर पर सूर्यास्त के बाद केवल देव साम्राज्य ही रहता है। सूर्यास्त के उपरांत किसी भी इंसान को ऊपर रहने की अनुमति नहीं है। पालीताना के मन्दिरों का सौन्दर्य व नक़्क़ाशी का काम बहुत ही उत्तम कोटि का है। इनकी कारीगरी सजीव लगती है।

पालीताना का प्रमुख व सबसे ख़ूबसूरत मंदिर जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव का है। आदिशवर देव के इस मंदिर में भगवान की आंगी दर्शनीय है। दैनिक पूजा के दौरान भगवान का श्रृंगार देखने योग्य होता है। 1618 ई. में बना चौमुखा मंदिर क्षेत्र का सबसे बड़ा मंदिर है। कुमारपाल, मिलशाह, समप्रति राज मंदिर यहाँ के प्रमुख मंदिर हैं। पालीताना में बहुमूल्य प्रतिमाओं आदि का भी अच्छा संग्रह है।


केदारनाथ भारत के उत्तराखण्ड राज्य के गढ़वाल मण्डल के रुद्रप्रयाग ज़िले में स्थित एक नगर है।

यह केदारनाथ मंदिर का शिवलिंग बारह ज्योतिर्लिंग में से एक है, जिसे चारधाम और पंच केदार में गिना जाता है। 

Considering the Heart of Hinduism: A Comprehensive Journey into a Permanent Religion

Understanding the Deeper Logic: Hinduism is primarily a way of life that aims to investigate the big questions of existence rather than merely a religion. The core of Hindu philosophy is the idea of "Dharma," or living a moral life. It places a strong emphasis on pursuing moral and ethical duty, guiding people toward a balanced and peaceful existence.

 

वर्षिताप जैन (Varshi Tapa) संप्रदाय ऋषभदेव चैत्र कृष्ण अष्टमी

कृष्ण अष्टमी के दिन वर्षिताप जैन संप्रदाय के तपस्वियों की वार्षिक तपस्या शुरू हो जाती है।अगले दिन कृष्ण नवमी को जैन धर्म के पहले तीर्थंकर, भगवान ऋषभदेव का जन्म इसी दिन अयोध्या में हुआ था।