वैष्णो देवी मंदिर, हिन्दू मान्यता अनुसार, शक्ति को समर्पित पवित्रतम हिन्दू मंदिरों में से एक है

वैष्णो देवी का यह मंदिरभारत के जम्मू और कश्मीर में त्रिकुटा या त्रिकुट पर्वत पर स्थित है।

वैष्णो देवी मंदिर जम्मू और कश्मीर राज्य के जम्मू जिले में कटरा नगर के समीप अवस्थित है। यह उत्तरी भारत में सबसे पूजनीय पवित्र स्थलों में से एक है। मंदिर, 5,200 फ़ीट की ऊंचाई पर, कटरा से लगभग 12 किलोमीटर (7.45 मील) की दूरी पर स्थित है। हर वर्ष, लाखों तीर्थ यात्री, इस मंदिर का दर्शन करते हैं और यह भारत में तिरूमला वेंकटेश्वर मंदिर के बाद दूसरा सर्वाधिक देखा जाने वाला तीर्थस्थल है। इस मंदिर की देख-रेख श्री माता वैष्णो देवी तीर्थ मंडल नामक न्यास द्वारा की जाती है। माता वैष्णो देवी के प्रहरी भगवान शंकर के अवतार हनुमान जी हैं और हनुमान जी के साथ भगवान शिव के ही अवतार भैरव बाबा भी हैं। उत्तर भारत मे माँ वैष्णो देवी सबसे प्रसिद्ध सिद्धपीठ है उसके बाद सहारनपुर की शिवालिक पहाडियों मे स्थित शाकम्भरी देवी सबसे सर्वप्रमुख प्राचीन सिद्धपीठ है। शाकम्भरी पीठ मे माँ के दर्शन से पहले भैरव के दर्शन करने पडते है।



तीर्थयात्रा:-
यहाँ तक पहुँचने के लिए उधमपुर से कटड़ा तक एक रेल संपर्क को हालही में निर्मित किया गया है। माता वैष्णो देवी का स्थान हिंदुओं का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, जहाँ सम्पूर्ण भारत और विश्वभर से लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।

भैरोनाथ मंदिर:-
मान्यतानुसार जिस स्थान पर माँ वैष्णो देवी ने भैरोनाथ का वध किया, वह स्थान भवन के नाम से प्रसिद्ध है। इस स्थान पर देवी महाकाली, महासरस्वती और महालक्ष्मी देवी, पिण्डी के रूप में गुफा में विराजित है, इन तीनों पिण्डियों के इस सम्मिलित रूप को वैष्णो देवी का रूप कहा जाता है।

भैरोनाथ का वध करने पर उसका शीश भवन से 3 किमी दूर जिस स्थान पर गिरा, आज उस स्थान भैरो मंदिर के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि अपने वध के बाद भैरोनाथ को अपनी भूल का पश्चाताप हुआ और उसने देवी से क्षमा माँगी। मान्यतानुसार, वैष्णो देवी ने भैरोनाथ को वरदान देते हुए कहा कि "मेरे दर्शन तब तक पूरे नहीं माने जाएँगे, जब तक कोई भक्त मेरे बाद तुम्हारे दर्शन नहीं करेगा।" भैरो बाबा का यह मंदिर, वैष्णोदेवी मंदिर से 3 किमी की दूरी पर स्थित है।


वैष्णोदेवी का मंदिर या भवन, कटरा से 13.5 किमी की दूरी पर स्थित है, जो कि जम्मू जिले में जम्मू शहर से लगभग 50 किमी दूर स्थित एक कस्बा है। मंदिर तक जाने की यात्रा इसी कस्बे से शुरू होती है। कटरा से पर्वत पर चढ़ाई करने हेतु पदयात्रा के अलावा, मंदिर तक जाने के लिए पालकियाँ, खच्चर तथा विद्युत-चालित वाहन भी मौजूद होते हैं। इसके अलावा कटरा से साँझीछत, जोकि भवन से 9.5 किमी दूर अवस्थित है, तक जाने हेतु हेलीकॉप्टर सेवा भी मौजूद है। कटरा नगर, जम्मू से सड़कमार्ग द्वारा जुड़ा है। पूर्वतः रेलवे की मदद से केवल जम्मू तक पहुंच पाना संभव था, परन्तु वर्ष 2014 में कटरा को जम्मू-बारामूला रेलमार्ग से श्री माता वैष्णो देवी कटरा रेलवे स्टेशन के ज़रिए जोड़ दिया गया, जिसके बाद सीधे कटरा तक रेलमार्ग द्वारा पहुँच पाना संभव है। गर्मियों में तीर्थयात्रियों की संख्या में अचानक वृद्धि के मद्देनज़र अक्सर रेलवे द्वारा प्रतिवर्ष दिल्ली से कटरा के लिए विशेष ट्रेनें भी चलाई जाती हैं।

आसपास के दर्शनीय स्थल:-
कटरा व जम्मू के नज़दीक कई दर्शनीय स्थल व हिल स्टेशन हैं, जहाँ जाकर आप जम्मू की ठंडी हसीन वादियों का लुत्फ उठा सकते हैं। जम्मू में अमर महल, बहू फोर्ट, मंसर लेक, रघुनाथ टेंपल आदि देखने लायक स्थान हैं। जम्मू से लगभग 112 किमी की दूरी पर पटनी टॉप एक प्रसिद्ध हिल स्टेशन है। सर्दियों में यहाँ आप स्नो फॉल का भी मजा ले सकते हैं। कटरा के नजदीक शिव खोरी, झज्झर कोटली, सनासर, बाबा धनसार, मानतलाई, कुद, बटोट, और कटरा में ही देवी माता का प्राचीन मंदिर भी यहीं स्थित है इसके अलावा आदि कई दर्शनीय स्थल हैं।


सिख धर्म के 5वें गुरु अर्जन देव साहिब जी आत्म-बलिदान की एक महान आत्मा थे, जो सर्वधर्म समभाव के साथ-साथ मानवीय आदर्शों को कायम रखने के कट्टर समर्थक थे।

गुरु अर्जन देव  जी का जन्म अमृतसर के गोइंदवाल में वैशाख वादी 7 (संवत 1620 में 15 अप्रैल 1563) को सिख धर्म के चौथे गुरु, गुरु रामदासजी और माता भानीजी के यहाँ हुआ था।

अमरनाथ हिन्दुओं का एक प्रमुख तीर्थस्थल है।

यह कश्मीर राज्य के श्रीनगर शहर के उत्तर-पूर्व में 135 सहस्त्रमीटर दूर समुद्रतल से 13,600 फुट की ऊँचाई पर स्थित है। इस गुफा की लंबाई (भीतर की ओर गहराई) 19 मीटर और चौड़ाई 16 मीटर है। गुफा 11 मीटर ऊँची है।

Islam: Including the Incredible of a Multifaceted and Infinite Religion

Origins and Historical Context: From the Arabian Peninsula, Islam first appeared in the seventh century CE, with its founder Muhammad serving as its last messenger. Islam's sacred book, the Quran, is a compilation of the revelations that Muhammad received. In the Islamic Golden Age, the faith rapidly expanded across continents, influencing a wide range of cultures and fostering the advancement of knowledge, the arts, and science.

 

hennapur balaji

Mehdipur Balaji Temple is a famous temple of Hanuman ji located in Tehsil (Sikrai) of Rajasthan. Hanuman ji is called Balaji in many parts of India. This place is situated between two hills and looks very attractive.

आंध्र प्रदेश का सूर्य नारायण स्वामी मंदिर 1300 साल पुराना है, यहां साल में 2 बार सूर्य की पहली किरण सीधे मूर्ति पर पड़ती है।

यह मंदिर भगवान विष्णु के कूर्म अवतार को समर्पित है, यहां लोग अपनी पत्नियों के साथ सूर्य देव की पूजा करते हैं।