नई दिल्ली में बना अक्षरधाम मन्दिर ज्योतिर्धर भगवान स्वामिनारायण की पुण्य स्मृति में बनवाया गया है।

विशाल होने के कारन इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में भी शामिल किया गया है।

अक्षरधाम मन्दिर को गुलाबी, सफेद संगमरमर और बलुआ पत्थरों के मिश्रण से बनाया गया है। इस मंदिर को बनाने में स्टील, लोहे और कंक्रीट का इस्तेमाल नहीं किया गया। मंदिर को बनाने में लगभग पांच साल का समय लगा था। श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था के प्रमुख स्वामी महाराज के नेतृत्व में इस मंदिर को बनाया गया था। करीब 100 एकड़ भूमि में फैले इस मंदिर को 11 हजार से ज्यादा कारीगरों की मदद से बनाया गया। पूरे मंदिर को पांच प्रमुख भागों में विभाजित किया गया है। मंदिर में उच्च संरचना में 234 नक्काशीदार खंभे, 9 अलंकृत गुंबदों, 20 शिखर होने के साथ 20,000 मूर्तियां भी शामिल हैं। मंदिर में ऋषियों और संतों की प्रतिमाओं को भी स्थापित किया गया है। मंदिर में रोजाना शाम को दर्शनीय फव्वारा शो का आयोजन किया जाता है। 



इस शो में जन्म, मृत्यु चक्र का उल्लेख किया जाता है। फव्वारे में कई कहानियों का बयां किया जाता है। यह मंदिर सोमवार को बंद रहता है। अक्षरधाम मंदिर में 2870 सीढियां बनी हुई हैं। मंदिर में एक कुंड भी है, जिसमें भारत के महान गणितज्ञों की महानता को दर्शाया गया है। मंदिर में अंदर जाने के लिए कुछ विशेष नियम भी बने हैं। प्रवेश करने के लिए ड्रेस कोड भी बना है। आपके कपड़े कंधे और घुटने तक ढके होने चाहिए। अगर आपने ऐसे कपड़े नहीं पहने हैं तो आप यहां 100 रुपये में कपड़े किराए पर भी ले सकते हैं। अक्षरधाम मन्दिर को दुनिया का सबसे विशाल हिंदू मन्दिर परिसर होने के नाते गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में बुधवार, 26 दिसंबर 2007 को शामिल कर लिया गया है।


गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स के एक वरिष्ठ अधिकारी एक सप्ताह पहले भारत की यात्रा पर आए और स्वामी नारायण संस्थान के प्रमुख स्वामी महाराज को विश्व रिकार्ड संबंधी दो प्रमाणपत्र भेंट किए। गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड की मुख्य प्रबंध समिति के एक वरिष्ठ सदस्य माइकल विटी ने बोछासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामी नारायण संस्थान को दो श्रेणियों के तहत प्रमाणपत्र दिए हैं। इनमें एक प्रमाणपत्र एक व्यक्ति विशेष द्वारा सर्वाधिक हिंदू मंदिरों के निर्माण तथा दूसरा दुनिया का सर्वाधिक विशाल हिंदू मन्दिर परिसर की श्रेणी में दिया गया। पूज्य प्रमुख स्वामी महाराज अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त आध्यात्मिक नेता हैं और बीएपीएस स्वामीनारायण संस्थान के प्रमुख हैं। उन्होंने अप्रैल 1971 से नवंबर 2007 के बीच पांच महाद्वीपों में 713 मंदिरों का निर्माण करने का विश्व रिकार्ड बनाया है।

इसमें साथ ही कहा गया है कि इनमें से दिल्ली का बीएपीएस स्वामीनारायण अक्षरधाम मन्दिर अद्भुत है और दुनिया का विशालतम हिंदू मन्दिर परिसर है। माइकल विटी ने कहा कि हमें अक्षरधाम की व्यापक वास्तुशिल्प योजना का अध्ययन तथा अन्य मन्दिर परिसरों से उसकी तुलना परिसर का दौरा और निरीक्षण करने में तीन माह का समय लगा और उसके बाद हम इस नतीजे पर पहुंचे कि मंदिर गिनीज बुक में शामिल किए जाने का अधिकारी है। दिल्ली स्थित अक्षरधाम मंदिर 86342 वर्ग फुट परिसर में फैला है। यह 356 फुट लंबा 316 फुट चौड़ा तथा 141 फुट ऊंचा है। यह पहला मौका है जब गिनीज बुक ने अपने विशाल धार्मिक स्थलों की सूची में किसी हिंदू मन्दिर को मान्यता प्रदान की है।


In Hindu faith, Kshatriyas are one­ among four varnas, symbolizing fighters and leaders.

Let's Talk About the­ Varna System and Kshatriyas: A. What's the Varna System? The­ Varna system – it's not just a caste system as some­ think. It's actually a four-tier society structure. Each tie­r, or varna, is based on a person's qualities, care­ers, and roles. So, what are the­se varnas? They're the­ Brahmins, who are priests and scholars; the Kshatriyas, made­ up of warriors and rulers; the Vaishyas, including merchants and farme­rs; and the Shudras, who provide labor and service­s. The Varna's goal? It's all about ensuring society's smooth ope­ration.

B. Understanding Kshatriyas: Kshatriyas, the­y're warriors and leaders. The­y look after the land, its people­. Their main job? Upholding Dharma, which means fair play. They e­nsure the good guys are safe­, and guard the kingdom from danger. Kshatriyas are like­ the strong arm of the community. Their task? Ke­ep peace, prote­ct the monarchy, and show others what it means to be­ righteous.

 

 

कामाख्या मन्दिर, असम

कामाख्या मंदिर असम की राजधानी दिसपुर के पास गुवाहाटी से 8 किलोमीटर दूर कामाख्या में है

देवी कन्या कुमारी मंदिर तमिलनाडु राज्य के कन्याकुमारी ज़िले में स्थित है।

दूर-दूर फैले समुद्र के विशाल लहरों के बीच कन्याकुमारी का सूर्योदय और सूर्यास्त का नजारा बेहद आकर्षक लगता हैं।