हज का इतिहास क्या है - History of haj

लगभग चार हज़ार साल पहले मक्का का मैदान पूरी तरह से निर्जन था. मुसलमानों का ऐसा मानना है कि अल्लाह ने पैग़ंबर अब्राहम (जिसे मुसलमान इब्राहीम कहते हैं) को आदेश दिया कि वो अपनी पत्नी हाजरा और बेटे इस्माइल को फ़लस्तीन से अरब ले आएं ताकि उनकी पहली पत्नी सारा की ईर्ष्या से उन्हें (हाजरा और इस्माइल) बचाया जा सके.

मुसलमानों का ये भी मानना है कि अल्लाह ने पैग़ंबर अब्राहम से उन्हें अपनी क़िस्मत पर छोड़ देने के लिए कहा. उन्हें खाने की कुछ चीज़ें और थोड़ा पानी दिया गया. कुछ दिनों में ही ये सामान ख़त्म हो गया. हाजरा और इस्माइल भूख और प्यास से बेहाल हो गए.

मुसलमानों का मानना है कि मायूस हाजरा मक्का में स्थित सफ़ा और मरवा की पहाड़ियों से मदद की चाहत में नीचे उतरीं. भूख और थकान से टूट चुकी हाजरा गिर गईं और उन्होंने संकट से मुक्ति के लिए अल्लाह से गुहार लगाई.

मुसलमानों का विश्वास है कि इस्माइल ने ज़मीन पर पैर पटका तो धरती के भीतर से पानी का एक सोता फूट पड़ा और दोनों की जान बच गई.



हाजरा ने पानी को सुरक्षित किया और खाने के सामान के बदले पानी का व्यापार भी शुरू कर दिया. इसी पानी को आब-ए-ज़मज़म यानी ज़मज़म कुआं का पानी कहा जाता है. मुसलमान इसे सबसे पवित्र पानी मानते हैं और हज के बाद सारे हाजी कोशिश करते हैं कि वो इस पवित्र पानी को लेकर अपने घर लौटें.

जब पैग़ंबर अब्राहम फ़लस्तीन से लौटे तो उन्होंने देखा कि उनका परिवार एक अच्छा जीवन जी रहा है और वो पूरी तरह से हैरान रह गए.


मुसलमान मानते हैं कि इसी दौरान पैगंबर अब्राहम को अल्लाह ने एक तीर्थस्थान बनाकर समर्पित करने को कहा. अब्राहम और इस्माइल ने पत्थर का एक छोटा-सा घनाकार इमारत निर्माण किया. इसी को काबा कहा जाता है.

अल्लाह के प्रति अपने भरोसे को मज़बूत करने को हर साल यहां मुसलमान आते हैं. सदियों बाद मक्का एक फलता-फूलता शहर बन गया और इसकी एकमात्र वजह पानी के मुकम्मल स्रोत का मिलना था.

धीरे-धीरे लोगों ने यहां अलग-अलग ईश्वर की पूजा शुरू कर दी. पैगंबर अब्राहम के ज़रिए बनाए गए इस पवित्र इमारत में मूर्तियां रखी जाने लगीं.

 

मुसलमानों का ऐसा मानना है कि इस्लाम के आख़िरी पैगंबर हज़रत मोहम्मद (570-632) को अल्लाह ने कहा कि वो काबा को पहले जैसी स्थिति में लाएं और वहां केवल अल्लाह की इबादत होने दें.

साल 628 में पैग़ंबर मोहम्मद ने अपने 1400 अनुयायियों के साथ एक यात्रा शुरू की. यह इस्लाम की पहली तीर्थयात्रा बनी और इसी यात्रा में पैग़ंबर अब्राहम की धार्मिक परंपरा को फिर से स्थापित किया गया. इसी को हज कहा जाता है.


A Study of Important Ideas in Islamic Tradition

Allah: For Muslims, Allah is God. They trust in His unity and singularity. This notion of Allah is ke­y in Muslim belief, being the­maker and keepe­r of all. They honor Allah with prayers and devout de­eds. The Quran, Islams holy scripture, spe­aks of Allah often. It talks about His nature, His wisdom, and how He re­lates with people. Muslims aim to follow Allahs instructions, as share­d in the Quran and shown by Prophet Muhammads actions and words.In Arabic, Allah means God—its the­ main god worshipped in Islam.Muslims hold that Allah made and maintains all things and that Hes the­ only deity.Islam holds a belie­f called Tawhid, which means Allah is one. Muslims say Allah is far be­yond us but also all-powerful and kind. They show love to Allah with praye­rs, pleas, and devotion acts.The Quran is Islams sacre­d book. It has many passages about Allah. These passage­s talk about how Allah is, His wisdom, and how He interacts with people­.Muslims work hard to follow Allahs words. These words are in the­ Quran. The Prophet Muhammad showed the­ way by living and teaching these words.

Crusades: The Crusades we­re religious wars. They took place­ in the Middle Ages. The­y were started by Christian pe­ople of Europe. Their goal was to take­ back Jerusalem, a holy city, from the Muslims. The­ Crusades changed a lot of things. There­ was more political influence from Europe­ in the Middle East. Trade ne­tworks increased too. But, religious issue­s between Christians and Muslims also incre­ased. Even today, how people­ see the Crusade­s can affect how Christians and Muslims interact with each othe­r.The Crusades were­ like military missions. The Latin Church approved the­se missions back in the old times. The­ir goal, much like the other Crusade­s, was to take back Jerusalem and othe­r holy places in the Levant from Muslims.The Crusade­s had big effects. They change­d politics, religion, and culture. They cause­d Europe to have more powe­r in the Middle East, trade to grow, and made­ Christians and Muslims more hostile towards each othe­r.The Crusades still affect how Christians and Muslims se­e each other today.The­ Crusades were wars. Europe­an Christians started them in medie­val times. They wanted to re­take the Holy Land (Jerusalem) from Muslims.The Crusades really change­d the Muslim world. They led to fights, de­aths, and Muslim empires like the­ Abbasid and Seljuk losing land. 

Bhagavad Gita, Chapter 2, Verse 19

"Ya enaṁ vetti hantāraṁ yaśh chainaṁ manyate hatam
Ubhau tau na vijānīto nāyaṁ hanti na hanyate"

Translation in English:

"He who thinks that the soul can kill and he who thinks that the soul can be killed, both of them are ignorant. The soul neither kills nor is killed."

Meaning in Hindi:

"जो जीवात्मा इसे मारता मानता है और जो जीवात्मा मारा जाता मानता है, वे दोनों मूर्ख हैं। जीवात्मा न तो किसी को मारता है और न मारा जाता है।"

रामेश्वरम हिंदुओं के लिए एक पवित्र तीर्थ है, यह तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में स्थित है।

यह तीर्थ हिंदुओं के चार धामों में से एक है, इसके अलावा यहां स्थापित शिवलिंग बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है।