धर्म एक ऐसा अद्भुत प्राणी है जो मनुष्य को उसकी असली स्वभाव की ओर ले जाता है। विभिन्न समयों और स्थानों पर, विभिन्न धर्मों की उत्पत्ति हुई है, जो एक सामान्य मानव समाज के रूप में परिभाषित की गई है। इनमें से एक धार्मिक विश्वास बोध धर्म है, जिसे सत्य की खोज के लिए जाना जाता है।
बोध धर्म की उत्पत्ति गौतम बुद्ध के जीवन से हुई। गौतम बुद्ध ने अपने जीवन के दौरान अत्यंत उदार मानवता और सत्य की खोज में अपना जीवन समर्पित किया। उनके शिष्यों और अनुयायियों ने उनकी उपदेशों को महान धर्म के रूप में स्वीकार किया, जिसे बोध धर्म कहा जाता है।
बोध धर्म का मूल मंत्र "बुद्धं शरणं गच्छामि" है, जिसका अर्थ है "मैं बुद्ध की शरण लेता हूं"। यह मंत्र बोध धर्म की महत्वपूर्ण सिद्धांतों में से एक है। यह धर्म सत्य, करुणा, और अनुशासन के माध्यम से मनुष्य के मन, वचन, और कर्म की शुद्धि को प्रमोट करता है।