लेपाक्षी मंदिर, आंध्र प्रदेश

भारत का एक मंदिर जिसका एक खम्भा हवा में लटका जिसको लेकर वैज्ञानिक भी हैरान हैं। 

भारत को अगर मंदिरों का देश कहें तो गलत नहीं होगा। क्योंकि यहां इतने मंदिर हैं कि आप गिनते-गिनते थक जाएंगे, लेकिन गिन नहीं पाएंगे। हमारे देश में ऐसे कई मंदिर हैं, जो अपनी भव्यता और अनोखी मान्यताओं के लिए जाने जाते हैं। ऐसा ही एक अनोखा मंदिर आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले में भी है। इस मंदिर की सबसे खास और रहस्यमय बात ये है कि इसका एक खंभा हवा में लटका हुआ है, लेकिन इसका रहस्य आज तक कोई नहीं जान पाया है। इस मंदिर का नाम है लेपाक्षी मंदिर, जिसे 'हैंगिंग पिलर टेंपल' के नाम से भी जाना जाता है।



इस मंदिर में कुल 70 खंभे हैं, जिसमें से एक खंभे का जमीन से जुड़ाव नहीं है। वो रहस्यमयी तरीके से हवा में लटका हुआ है। लेपाक्षी मंदिर के अनोखे खंभे आकाश स्तंभ के नाम से भी जाने जाते हैं। इसमें एक खंभा जमीन से करीब आधा इंच ऊपर उठा हुआ है। ऐसी मान्यता है कि खंभे के नीचे से कुछ निकाल लेने से घर में सुख-समृद्धि आती है। यही वजह है कि यहां आने वाले लोग खंभे के नीचे से कपड़ा निकालते हैं। कहा जाता है कि मंदिर का खंभा पहले जमीन से जुड़ा हुआ था, लेकिन एक ब्रिटिश इंजीनियर ने यह जानने के लिए कि यह मंदिर पिलर पर कैसे टिका हुआ हुआ है, इसको हिला दिया, तब से ये खंभा हवा में ही झूल रहा है।


इस मंदिर में इष्टदेव भगवान शिव के क्रूर रूप वीरभद्र हैं। वीरभद्र महाराज दक्ष के यज्ञ के बाद अस्तित्व में आए थे। इसके अलावा यहां भगवान शिव के अन्य रूप अर्धनारीश्वर, कंकाल मूर्ति, दक्षिणमूर्ति और त्रिपुरातकेश्वर भी मौजूद हैं। यहां विराजमान माता को भद्रकाली कहा जाता है। कुर्मासेलम की पहाड़ियों पर बना ये मंदिर कछुए की आकार में बना है। कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण विरुपन्ना और विरन्ना नाम के दो भाइयों ने 16वीं सदी में कराया था, जो विजयनगर के राजा के यहां काम करते थे।

हालांकि पौराणिक मान्यता है कि इस मंदिर को ऋषि अगस्त्य ने बनवाया था। मान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर का जिक्र रामायण में भी मिलता है और ये वही जगह है, जहां जटायु रावण से युद्ध करने के बाद जख्मी होकर गिर गये थे और राम को रावण का पता बताया था। मंदिर में एक बड़ा सा पैर का निशान भी है, जिसे त्रेता युग का गवाह माना जाता है। कोई इसे भगवान राम के पैर का निशान तो कोई माता सीता के पैर का निशान मानते हैं।


Examining Bodh's Essence: A Spiritual Enlightenment Journey

Bodh: Exposing the Foundations: The word "Bodh," which comes from the Sanskrit word "Bodhi," means awakening or enlightenment. Its origins can be found in antiquated Eastern philosophies, especially in relation to Buddhism. The Bodhi tree represents the hallowed area where the search for Bodhi started, and it is under this tree that Siddhartha Gautama gained enlightenment and became the Buddha.

 

Culture in the Digital Age Hindu Film, Music, and Art

The art and cinema of Hinduism are very important in the vast tapestry of Hindu culture. These expressions not only entertain but also serve as channels for spiritual exploration and cultural preservation. Traditional forms of Hindu art are currently witnessing a fascinating metamorphosis as they blend ancient traditions with contemporary technology to cater to wider audiences and resonate with today’s feelings. This article examines how Hindu art, music, and cinema have been reimagined in the digital era by discussing how age-old practices are being reinterpreted for modern sensibilities.

Hindu Art in the Digital Age:

Hindu art is famous for its complex patterns, bright colors, as well as spiritual themes. From the earliest cave paintings to elaborate temple carvings, visual arts have served as key mediums for conveying information about Hindu mythology, philosophy, and cultural principles. In this era of digitalization; however, traditional forms of Hindu art are finding new life through various means including digital painting, animation, or even virtual reality.

Rethinking Education: Nurturing Future Leaders in a Changing World

Embracing Diversity in Learning Styles: Education is not a one-size-fits-all endeavor. Acknowledging and embracing diverse learning styles is crucial for fostering an inclusive and effective educational environment. Tailoring teaching methods to accommodate different strengths and preferences empowers students to maximize their potential.

DharamGyaan's Educational Journey: Supporting Minds

The Department of Education: Encouraging Knowledge DharamGyaan explores the function of the department of education to start the educational odyssey. Examine articles that provide insight into the duties, projects, and successful programs the department has implemented to clear the way for the sharing of knowledge.